By Santosh Salve
March 19, 2022
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हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला से लगभग 11 किलोमीटर दूरी पर कांगड़ा जिले में डल झील मौजूद है. यह झील सुंदरता एवं तीर्थयात्रा के लिए बहुत प्रसिद्ध है.
मकलोड़गंज से पश्चिम में 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस झील के किनारे भगवान शिव का लगभग 200 साल पुराना एक प्रसिद्ध मंदिर है.
सूर्यास्त के समय सूरज की रोशनी इस झील पर पड़ते ही यह झील बड़ी अनोखी दिखाई देती है. झील के दक्षिण में सफेद संगमरमर से बना विशाल तटबंध बड़ा ही आकर्षक दिखता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्वासा ऋषि ने इसी स्थान पर भगवान महादेव की उपासना की थी. इस वजह से इस झील को पर्यटन एवं तीर्थ स्थल के रूप में विशेष माना जाता है.
अगर आप जंगलों में भटकने में रुचि रखते हैं तो झील के आसपास मौजूद घने जंगल जैसे आपकी ही राह देख रहे हैं. यहां आप प्रकृति के साथ रहने का आनंद ले सकते हैं.
घूमने के साथ-साथ आप यहां पर ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं. यहां के शांत वातावरण में झील के किनारे बैठ कर आप मछलियों को देखने का आनंद ले सकते हैं.
सर्दियों में होने वाली बर्फबारी का आनंद भी आप यहां ले सकते हैं. सफेद बर्फ से ढकें हुए पेड़ों को देखकर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा.
सड़क के रास्ते नई दिल्ली से लगभग 500 किलोमीटर दूरी पर यह झील स्थित है. धर्मशाला से डल झील तक आपको स्थानीय बस या टैक्सी भी मिल सकती है.
अगर आप ट्रेन से यहां आना चाहते हैं तो पठानकोट कैंट यह निकटतम ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन धर्मशाला से लगभग 88 किमी की दूरी पर है. इसके अलावा कांगड़ा मंदिर का नैरो गेज रेलवे स्टेशन भी है.
अगर आप हवाई रास्ते से डल झील तक आना चाहते हैं तो धर्मशाला से लगभग केवल 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित गगल हवाई अड्डा यहां सबसे निकटतम हवाई अड्डा है.
प्रकृति की सहज सुंदरता देखने के लिए एवं अपने मन को शांति देने के लिए कम से कम एक बार आपको प्रसिद्ध डल झील पर जरूर आना चाहिए.
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